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Thursday, 26 January 2012

उमा और कल्याण आमने सामने

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उमा और कल्याण आमने सामने 
क्लीन मीडिया संवाददाता 
लखनऊ: 26 जनवरी, (सीएमसी)   उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कद्दावर नेता कल्याण सिंह का राजनीतिक वारिस बताने वाली मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता उमा भारती का महोबा जनपद के चरखारी विधानसभा क्षेत्र में जल्द ही कल्याण से सामना होगा।
   उमा को यहां से अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए भारी मशक्कत करनी होगी। उन्हें यहां न केवल कल्याण सिंह के विरोध का सामना करना पड़ेगा, बल्कि अपनी ही बिरादरी के स्थानीय कद्दावर नेताओं से भी जूझना होगा। निर्वाचन आयोग ने नए परिसीमन में पहली बार चरखारी को सामान्य किया है। चरखारी विधानसभा क्षेत्र में 38 हजार मतदाता लोधी बिरादरी के हैं और यह लोधी बहुल सीट हो गई है।
  बगल की राठ विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से चार बार विधायक रहे लोधी ध्रुवराम चौधरी भी चरखारी से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने लोधी समाज के एक अन्य स्थानीय कद्दावर नेता कप्तान सिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग से रामजीवन यादव पर दांव लगाया है। राठ और चरखारी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की मजबूत पकड़ है। पिछले विधानसभा चुनाव में राठ से उनकी पार्टी के उम्मीदवार ने ध्रुवराम चौधरी के दांत खट्टे कर दिए थे। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि चरखारी में कल्याण सिंह का क्या जलवा रहेगा। 
  कल्याण सिंह ने बुधवार को फर्रूखाबाद में घोषणा की कि वह चरखारी में उमा के खिलाफ जनसभा करेंगे। उमा ने पिछले दिनों लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मैं भाजपा में कल्याण का विकल्प नहीं हूं। वह एक बड़े व महान नेता हैं और जो मेरे पिता समान हैं। राम मंदिर आंदोलन में कल्याण और उमा ने अगुवा की भूमिका निभाई थी और उसके बाद से दोनों ने हर राजनीतिक लड़ाई में एक-दूसरे का साथ दिया। 

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