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Saturday, 26 November 2011

साहित्यकार कुमार विमल का निधन

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साहित्यकार कुमार विमल का निधन 
क्लीन मीडिया संवाददाता 


पटना, 26 नवम्बर (सीएमसी) : हिंदी साहित्य के जाने-माने कवि, लेखक और आलोचक डॉ. कुमार विमल का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि दिल की बीमारी से पीड़ित विमल का राजेंद्र नगर स्थित चंद्रालय हार्ट अस्पताल में शनिवार सुबह निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी, चार बेटियां और दो पुत्र हैं। डॉ. विमल का पटना के बांसघाट पर रविवार को अंतिम संस्कार होगा।
 हिंदी काव्य लेखन में सौंदर्यबोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए विमल हमेशा याद किये जाएंगे। 12 अक्टूबर 1931 को लखीसराय जिले के पचीना गांव में जन्मे विमल ने चालीस के दशक से लेखन जगत में पदार्पण किया। आलोचना पर उनकी पुस्तक ‘मूल्य और मीमांसा’ तथा कविता संग्रह में ‘अंगार’ तथा ‘सागरमाथा’ उनकी यादगार कृतियों में शुमार हैं। उनकी हिंदी में कई कविताओं का अंग्रेजी, बांग्ला, तेलुगू, मराठी, उर्दू और कश्मीरी सहित कई विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुआ था।
 विमल को राजेंद्र शिखर सम्मान सहित उत्तर प्रदेश और बिहार के कई साहित्य सम्मान प्रदान किए गए। ज्ञानपीठ समिति ने भी उन्हें विशेष लेखन का सम्मान दिया था। मगध और पटना विश्वविद्यालय में हिंदी के प्राध्यापक रह चुके विमल कई प्रमुख संस्थाओं में भी उच्च पदों पर रहे। उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, बिहार इंटरमीडिएट शिक्षा परिषद के अध्यक्ष और नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति के पद को भी सुशोभित किया। दिवंगत साहित्यकार के निधन पर साहित्य जगत की जानी-मानी हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

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