News

Monday 6 August 2012

Mission Mars of NASA starts on a success note, Curiosity lands properly

cleanmediatoday.blogspot.com


मिशन मंगल कामयाब, नासा को मिलने लगीं तस्वीरें

Dyhu ehfM;k laoknnkrk


वाशिंगटन,  अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का सबसे हाई टेक मार्स रोवर क्यूरियोसिटी मंगल की सतह सफलतापूर्वक पर उतर गया है। भारतीय समयानुसार करीब ग्यारह बजे गेल क्रेटर में इसकी लैंडिंग हुई। लैंडिंग की घड़ी जैसे-जैसे करीब आ रही थी, वैज्ञानिकों की दिल धड़कनें तेज होती जा रहीं थी। जैसे ही मार्स रोवर के लैंडिंग के सिग्नल मिले, नासा के वैज्ञानिक जश्न में डूब गए। नासा के वैज्ञानिकों को इस स्पेसक्राफ्ट से तस्वीरें मिलने लगी हैं। मंगल पर उतरने के तुरंत बाद रोवर ने अपना पहला फोटो जारी किया, जिसमें लाल ग्रह पर रोवर की परछाईं दिखाई दे रही थी।


छह पहियों वाले क्यूरियोसिटी का वजन 900 किलो है। ऊंचाई 3 मीटर, स्पीड औसतन 30 मीटर प्रति घटा। यह रोवर मंगल पर 2 साल काम करेगा। इस दौरान कम से कम 19 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।


नासा ने इसकी लैंडिंग से पहले भी एक परीक्षण किया है। इसे सेवन मिनिट्स ऑफ टेरर का नाम दिया गया था। अमेरिका, सोवियत संघ, यूरोप व जापान ने 1960 के बाद से जितने भी मंगल अभियान किए उनमें से आधे से ज्यादा विफल हुए हैं। इस बार नासा एक नई लैंडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया है। यही वजह है कि इसमें अतिरिक्त सुरक्षा बरती जा रही है। यदि यह अभियान विफल रहा तो नासा भारी संकट में पड़ जाएगा। इसकी वजह है कि नासा के खर्च में कटौती की गई है।


मंगल धरती का सबसे करीबी पड़ोसी ग्रह है। वैज्ञानिकों ने अब तक किए शोध में वहां पानी होने के संकेत पाए हैं। उनका मानना है कि वहां कभी जीवन रहा होगा। अब मंगल एक सूखा, जबरदस्त ठंड और धूल के तूफानों से भरा ग्रह है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक क्यूरियोसिटी को मंगल से परीक्षण के लिए कुछ नमूने एकत्रित करने हैं। नासा के मुताबिक रोवर क्यूरिओसिटी के सारे सिस्टम ठीक काम कर रहे हैं। परमाणु ऊर्जा से संचालित क्यूरिओसिटी अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है। इसका वजन एक टन है। यह एक छोटी कार जितना बड़ा है। छह पहियों का यह रोवर छोटे पत्थरों को तोड़ने, मिट्टी और विकिरण की जांच करने के उपकरण साथ ले गया है।


नासा के मंगल अभियान के डायरेक्टर डूज मैक्किस्टन ने कहा कि इस मिशन में हमारी सबसे बड़ी चुनौती रोवर की लैंडिंग को लेकर बनी हुई थी। मार्स साइंस लेबोरेट्री ने मंगल यात्रा आठ महीने पहले नवंबर, 2011 में शुरू की थी। उन्होंने कहा कि अभी तक टीम अच्छा काम कर रही है, लेकिन इसके बाद भी मिशन को चुनौतियां और खतरा बना हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि आगे भी सब ठीक रहेगा।

No comments:

Post a Comment