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Tuesday, 15 November 2011

CAG questioned before the JPC

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2 जी मामले में जेपीसी के समक्ष पेश हुए विनोद राय
क्लीन मीडिया संवाददाता 


नई दिल्ली, 15 नवम्बर (सीएमसी) : नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष मंगलवार को पेश हुए। राय ऐसे समय जेपीसी के समक्ष पेश हुए जब एक दिन पहले ही उनके एक पूर्व सहकर्मी ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के कारण 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने के आंकड़े को खारिज कर इसे ‘गणितीय कयास’ करार दिया था।
 राय जेपीसी के समक्ष उप नियंत्रक और महालेखा परीक्षक रेखा गुप्ता के साथ पेश हुए। राय ने समिति के अध्यक्ष पी.सी. चाको को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि जब वह वक्तव्य दें, तब पूर्व लेखा महानिदेशक (डाक और दूरसंचार) आर.पी. सिंह भी वहां मौजूद रहें। सिंह ने कल जेपीसी को बताया था कि मसौदा ऑडिट रिपोर्ट में उनकी गणना सात वर्ष की मुद्रास्फीति पर आधारित थी क्योंकि वर्ष 2001 में तय किया गया प्रवेश शुल्क वर्ष 2008 में बदला नहीं गया था।
 उन्होंने समिति से कहा था कि अंतिम रिपोर्ट में 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन के कारण 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने का जिक्र है, लेकिन असल में वास्तविक घाटा 2,645 करोड़ रुपए का हुआ। उन्होंने यह भी कहा था कि वह उस अंतिम रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य हुए, जिसके बारे में वह पूरी तरह सहमत नहीं थे।
राय और गुप्ता बैठक स्थल पर सुबह 11 बजे मौजूद थे। सिंह के वक्तव्य और चाको की मीडिया ब्रीफिंग के बारे में समिति में चर्चा होने के कारण राय और गुप्ता को एक घंटे से भी अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा।
 समिति के सदस्यों के एक वर्ग का मानना है कि चाको ने कल मीडिया से जो बातचीत की, वह एक वरिष्ठ अधिकारी की टिप्पणियों के आधार पर कैग के खिलाफ भेदभावजनक नजर आई। माना जाता है कि अध्यक्ष ने यह कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने उनकी कही बात को संदर्भ से परे जाकर उद्धृत किया।

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