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पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम दोषी
क्लीन मीडिया संवाददाता
नई दिल्ली, 18 नवम्बर (सीएमसी) : दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम को पी वी नरसिंह राव के मंत्रिमंडल में मंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने और एक केबल आपूर्तिकर्ता कंपनी पर अनुचित कृपादृष्टि करने के 15 साल पुराने मामले में दोषी ठहराया है.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश आर पी पांडेय ने 84 वर्षीय सुखराम को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के लिए दोषी ठहराया. अदालत कल सजा सुना सकती है. हिमाचल प्रदेश के इस नेता को जिन अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है उसके लिए अधिकतम सात साल के कारावास का प्रावधान है. सुखराम जमानत पर रिहा हैं.
सीबीआई ने 1998 में दायर आरोप पत्र में सुखराम और अन्य व्यक्ति पर अत्यधिक मात्रा में केबल की आपूर्ति में कथित तौर पर अनुचित कृपादृष्टि दिखाने और तीन लाख रुपये लेने का आरोप लगाया था. साल 2009 में सुखराम को 4.25 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति रखने का दोषी ठहराया गया था.
साल 2002 में उन्हें उपकरण आपूर्ति के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत तीन साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी. इसके कारण सरकारी खजाने को 1.66 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. उन्होंने कथित तौर पर हैदराबाद स्थित एडवांस रेडियो मास्ट्स के प्रबंध निदेशक रामा राव को अनुचित लाभ पहुंचाया था.
पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम दोषी
क्लीन मीडिया संवाददाता
नई दिल्ली, 18 नवम्बर (सीएमसी) : दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम को पी वी नरसिंह राव के मंत्रिमंडल में मंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने और एक केबल आपूर्तिकर्ता कंपनी पर अनुचित कृपादृष्टि करने के 15 साल पुराने मामले में दोषी ठहराया है.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश आर पी पांडेय ने 84 वर्षीय सुखराम को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के लिए दोषी ठहराया. अदालत कल सजा सुना सकती है. हिमाचल प्रदेश के इस नेता को जिन अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है उसके लिए अधिकतम सात साल के कारावास का प्रावधान है. सुखराम जमानत पर रिहा हैं.
सीबीआई ने 1998 में दायर आरोप पत्र में सुखराम और अन्य व्यक्ति पर अत्यधिक मात्रा में केबल की आपूर्ति में कथित तौर पर अनुचित कृपादृष्टि दिखाने और तीन लाख रुपये लेने का आरोप लगाया था. साल 2009 में सुखराम को 4.25 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति रखने का दोषी ठहराया गया था.
साल 2002 में उन्हें उपकरण आपूर्ति के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत तीन साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी. इसके कारण सरकारी खजाने को 1.66 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. उन्होंने कथित तौर पर हैदराबाद स्थित एडवांस रेडियो मास्ट्स के प्रबंध निदेशक रामा राव को अनुचित लाभ पहुंचाया था.
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