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Friday 11 May 2012

Judgment on Raja upon May 15

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पन्द्रह मई को होगा राजा पर फैसला 
क्लीन मीडिया संवाददाता 

नई दिल्ली: 11 मई: (सीएमसी)  सीबीआई ने आज दिल्ली की एक अदालत में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा की जमानत याचिका का विरोध किया। राजा को 2जी घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए पिछले साल 2 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसी ने कहा कि एक नया मामला सामने आया है जिसके मुताबिक पूर्व दूरसंचार मंत्री ने 200 करोड़ रुपये की घूस ली थी। इस मामले की जांच की जा रही है।
विशेष सीबीआई जज ओ पी सैनी की अदालत में सीबीआई के वकील ए के सिंह ने राजा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि एक नया आरोप सामने आया है कि पूर्व दूरसंचार मंत्री ने 200 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी, जिसकी जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘मैं जमानत याचिका का कड़ा विरोध करता हूं। आरोपी राजा और अन्य सरकारी अधिकारी 200 करोड़ रुपये की रिश्वत के एक अन्य मामले में शामिल हैं, जिसके बारे में पहले जानकारी नहीं थी और यह मामला जांच में खुला है।’ राजा और सीबीआई के वकील की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने राजा की जमानत याचिका पर फैसला 15 मई तक सुरक्षित रखा है।
राजा के वकील रमेश गुप्ता ने अदालत में कहा कि पूर्व दूरसंचार मंत्री को इस मामले में जमानत मिलनी चाहिए क्योंकि अन्य सभी सह आरोपियों को भी या तो उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय या निचली अदालत से जमानत मिल गई है।
राजा के वकील गुप्ता ने कहा कि उनका मुवक्किल सुनवाई के लिए उपलब्ध होगा और वह अन्य गवाहों के बयान दर्ज करने के दौरान हस्तक्षेप नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यदि राजा को जमानत दी जाती है, तो वह अदालत द्वारा लगाई गई सभी शर्तों का पालन करेंगे।
राजा के अलावा 2जी घोटाले के अन्य आरोपियों में उनके पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया, पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, यूनिटेक लि. के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा, स्वान टेलीकाम के प्रवर्तक विनोद गोयनका और शाहिद उस्मान बलवा, रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के समूह कार्यकारी गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर शामिल हैं।
इनके अलावा द्रमुक सांसद कनिमोई, कलेंगनर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार, फिल्म निर्माता करीम मोरानी, कुसेगांव फूट्र्स एंड वेजिटेबल्स के निदेशक राजीव अग्रवाल और आसिफ बलवा इस मामले में आरोपी हैं। साथ ही तीन दूरसंचार कंपनियों स्वान टेलीकाम प्राइवेट लि, रिलायंस टेलीकाम लि. और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) को भी आरोपी बनाया गया है। 

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