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राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित
Clean Media Correspondent
नई दिल्ली, 08 August (CMC) संसद के मानसून सत्र की शुरुआत बुधवार को हंगामे के साथ शुरू हुई। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे के कारण 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। इसके बाद कुछ देर के लिए कार्यवाही शुरू हुई, फिर राज्यसभा की कार्यवाही अपरान्ह दो बजे तक स्थगति कर दी गई। इससे पहले समाजवादी पार्टी की नवनिर्वाचित सांसद डिंपल यादव ने सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली।
लोकसभा में भाजपा सदस्यों ने असम में फैली हिंसा को लेकर जमकर हंगामा किया, जिस वजह से सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। वहीं, राज्यसभा में बसपा सांसदों ने उत्तर प्रदेश में मूर्तियों को तोड़े जाने पर जमकर हंगामा, जिसके बाद सदन की कार्यवाही का 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
सत्र के शुरुआती दिन से ही विपक्ष असम में हुई हिंसा के लिए संप्रग सरकार की खिंचाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठा है। दोबारा वित्त मंत्रालय संभालने के बाद यह पहला मौका होगा जब वित्त मंत्री पी चिदंबरम विपक्ष का सामना करेंगे। एयरसेल-मैक्सिस सौदे को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहे हैं। ऐसे में चिदंबरम की राह पहले से कहीं ज्यादा कठिन हो सकती है।
इससे पहले, वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अपने नाम पर होने वाली छींटाकशी से बचने के लिए मंगलवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली से मुलाकात की। वहीं सत्र को ठीक से पूरा कर लेने की चाहत लेकर वह इससे पहले भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी मिल चुके हैं।
वैसे भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सरकार को असम हिंसा के साथ-साथ चिदंबरम को महंगाई, आर्थिक संकट और सूखा पर घेरने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ेगी। सत्र के पहले ही दिन भाजपा असम में जारी हिंसा का मामला उठाएगी।
मंगलवार को जेटली के संसद भवन स्थित कार्यालय में हुई मुलाकात में चिदंबरम ने खुद को लेकर भाजपा नेताओं का मन टटोलने की कोशिश की। वैसे वित्त मंत्री के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि इन मुलाकातों के सियासी निहितार्थ निकालने का कोई मतलब नहीं है। भाजपा नेताओं से मुलाकात के दौरान चिदंबरम ने सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले कुछ विधेयकों के बारे में चर्चा की।
गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा समेत पूरे विपक्ष ने दोनों सदनों में चिदंबरम का बहिष्कार किया था। भाजपा ने 2जी घोटाले में चिदंबरम के संलिप्त होने का आरोप लगाया था। विपक्ष का आरोप था कि स्पेक्ट्रम आवंटन की अवधि के दौरान चिदंबरम वित्त मंत्री थे।
पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के बयान का हवाला देते हुए उन पर जोरदार हमले किए गए। इतना ही नहीं विपक्ष ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे से चिदंबरम के बेटे के लाभान्वित का आरोप भी मढ़ा। चिदंबरम की मुख्य चिंता यह है कि इस बार सरकार में प्रणब मुखर्जी जैसा कोई ऐसा संकटमोचक नहीं है, जो उनके बचाव में उतरेगा।
राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित
Clean Media Correspondent
नई दिल्ली, 08 August (CMC) संसद के मानसून सत्र की शुरुआत बुधवार को हंगामे के साथ शुरू हुई। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे के कारण 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। इसके बाद कुछ देर के लिए कार्यवाही शुरू हुई, फिर राज्यसभा की कार्यवाही अपरान्ह दो बजे तक स्थगति कर दी गई। इससे पहले समाजवादी पार्टी की नवनिर्वाचित सांसद डिंपल यादव ने सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली।
लोकसभा में भाजपा सदस्यों ने असम में फैली हिंसा को लेकर जमकर हंगामा किया, जिस वजह से सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। वहीं, राज्यसभा में बसपा सांसदों ने उत्तर प्रदेश में मूर्तियों को तोड़े जाने पर जमकर हंगामा, जिसके बाद सदन की कार्यवाही का 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
सत्र के शुरुआती दिन से ही विपक्ष असम में हुई हिंसा के लिए संप्रग सरकार की खिंचाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठा है। दोबारा वित्त मंत्रालय संभालने के बाद यह पहला मौका होगा जब वित्त मंत्री पी चिदंबरम विपक्ष का सामना करेंगे। एयरसेल-मैक्सिस सौदे को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहे हैं। ऐसे में चिदंबरम की राह पहले से कहीं ज्यादा कठिन हो सकती है।
इससे पहले, वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अपने नाम पर होने वाली छींटाकशी से बचने के लिए मंगलवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली से मुलाकात की। वहीं सत्र को ठीक से पूरा कर लेने की चाहत लेकर वह इससे पहले भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी मिल चुके हैं।
वैसे भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सरकार को असम हिंसा के साथ-साथ चिदंबरम को महंगाई, आर्थिक संकट और सूखा पर घेरने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ेगी। सत्र के पहले ही दिन भाजपा असम में जारी हिंसा का मामला उठाएगी।
मंगलवार को जेटली के संसद भवन स्थित कार्यालय में हुई मुलाकात में चिदंबरम ने खुद को लेकर भाजपा नेताओं का मन टटोलने की कोशिश की। वैसे वित्त मंत्री के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि इन मुलाकातों के सियासी निहितार्थ निकालने का कोई मतलब नहीं है। भाजपा नेताओं से मुलाकात के दौरान चिदंबरम ने सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले कुछ विधेयकों के बारे में चर्चा की।
गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा समेत पूरे विपक्ष ने दोनों सदनों में चिदंबरम का बहिष्कार किया था। भाजपा ने 2जी घोटाले में चिदंबरम के संलिप्त होने का आरोप लगाया था। विपक्ष का आरोप था कि स्पेक्ट्रम आवंटन की अवधि के दौरान चिदंबरम वित्त मंत्री थे।
पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के बयान का हवाला देते हुए उन पर जोरदार हमले किए गए। इतना ही नहीं विपक्ष ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे से चिदंबरम के बेटे के लाभान्वित का आरोप भी मढ़ा। चिदंबरम की मुख्य चिंता यह है कि इस बार सरकार में प्रणब मुखर्जी जैसा कोई ऐसा संकटमोचक नहीं है, जो उनके बचाव में उतरेगा।
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