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गोयनका की याचिका, सीबीआई दखल न दे
क्लीन मीडिया सवाददाता
गोयनका की याचिका, सीबीआई दखल न दे
क्लीन मीडिया सवाददाता
नई दिल्ली, 17 नवम्बर (सीएमसी) : स्वान टेलीकॉम के निदेशक और टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले के आरोपी विनोद गोयनका ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष याचिका दाखिल कर मांग की कि सीबीआई को गवाहों के मामले में ‘संदिग्ध तरीके से दखल नहीं देने के निर्देश दिये जायें।
गोयनका की ओर से हाजिर अधिवक्ता माजिद मेमन ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी के समक्ष यह अर्जी दाखिल की।
अभियोजन पक्ष के गवाह तथा रिलायंस एडीएजी के समूह अध्यक्ष ए एन सेतुरमण ने कल अदालत को बताया था कि 11 नवंबर को सुनवाई शुरू होने से दो दिन पहले उन्हें सीबीआई ने अपने दफ्तर में बुलाया था।
मेमन ने कहा कि कानून की दृष्टि से यह ठीक नहीं है कि सीबीआई अपनी याद्दाश्त ताजा करने के नाम पर इस तरीके से गवाहों को बुलाये।
अर्जी में कहा गया, ‘गवाही दर्ज होने से पहले संदिग्ध तरीके से गवाहों के मामले में दखल देने से सीबीआई को रोकने के लिये उसे जरूरी आदेश और निर्देश जारी किये जायें।’
जिरह के दौरान सेतुरमण ने कहा कि मामले की जांच के समय इस वर्ष मार्च में सीबीआई ने उनका जो बयान दर्ज किया था, उसकी विषय-वस्तु को लेकर उन्होंने आपत्ति जतायी थी। इस अर्जी पर अदालत ने अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया है।
बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से मोबाइल सेवा प्रदाता को यह निर्देश देने की भी मांग की कि वह सेतुरमण द्वारा इस्तेमाल किये गये मोबाइल नंबर तथा जिस नंबर से सीबीआई अधिकारी ने फोन कर उन्हें नौ नवंबर को दफ्तर आने को कहा था, उसके सभी कॉल विवरण संरक्षित रखे। सेतुरणम ने अदालत को बताया कि जब वह नौ नवंबर को सीबीआई के दफ्तर में गये तो उन्होंने उनके दर्ज बयान पर आपत्ति उठायी थी और उसे बदलने को कहा था, जिसकी अनुमति नहीं दी गयी।
उन्होंने कहा कि वह अपने बयान की विषय-वस्तु से संतुष्ट नहीं था। मैंने इसका विरोध सीबीआई अधिकारी के समक्ष दर्ज कराया।
सेतुरमण ने अदालत से कहा था कि सीबीआई ने उनके फोन नंबर पर 10 से अधिक बार फोन किये थे और दफ्तर आने को कहा था।
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