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Thursday, 17 November 2011

Amidst tension between Army and govt Zardari meets Kayani

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तनाव गहराया, कयानी से मिले जरदारी 


क्लीन मीडिया संवाददाता 


इस्लामाबाद, 17 नवम्बर (सीएमसी) : ओबामा प्रशासन के साथ गोपनीय बातचीत को लेकर सैन्य और संघीय सरकार के बीच तनाव की खबरों के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने महज तीन दिनों के भीतर दूसरी बार देश के मजबूत सैन्य प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी से मुलाकात की।
 राष्ट्रपति भवन में कल रात हुई राष्ट्रपति जरदारी और सेना प्रमुख कयानी की इस बैठक में प्रधानमंत्री यूसूफ रजा गिलानी भी मौजूद थे। राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता फरातुल्ला बाबर ने बैठक के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। उन्होंने केवल इतना कहा कि तीनों नेताओं ने देश की वर्तमान स्थिति के बारे में बातचीत की। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कयानी और पीपीपी नेतृत्व वाली सरकार के बीच तनाव की लगातार खबरें आने के बीच मंगलवार से अभी तक यह दोनों की दूसरी मुलाकात है।
 तनाव का कारण जरदारी द्वारा ओबामा प्रशासन को कथित रूप से भेजा गया एक दस्तावेज है जिसमें मई में होने वाले संभावित सैन्य तख्तापलट को रोकने के लिए सहायता मांगी गई है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक अज्ञात सैन्य अधिकारी के हवाले से लिखा है, सेना ने गोपनीय दस्तावेज के प्रति ‘गंभीर चिंता’ जताई है और कयानी ने इस मुद्दे को सरकार के समक्ष भी रखा है। जरदारी द्वारा राष्ट्रपति भवन में सोमवार को आयोजित सरकारी भोज में से कयानी समेत चार शीर्ष सैन्य अधिकारियों के गायब रहने के कारण सरकार और सेना के बीच तनाव की ताजा खबरें आ रही हैं।
 सरकार ने अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी को इस्लामाबाद बुला कर पाकिस्तानी-अमेरिकी मंसूर एजाज के हाथों जरदारी द्वारा पूर्व अमेरिकी सैन्य प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन को गोपनीय दस्तावेज भेजने पर उनकी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। हक्कानी ने कल जरदारी को एक पत्र लिख कर अपने इस्तीफे की पेशकश करते हुए कहा कि वह इस दुष्प्रचार अभियान का निशान थे।
 प्रधानमंत्री गिलानी ने कल निचले सदन या नेशनल एसेंबली में कहा था कि हक्कानी को आकर ‘नेतृत्व के सामने पूरे मुद्दे की सफाई देनी होगी। खबर के मुताबिक, सेना हक्कानी को हटाना चाहती है और विदेश सचिव सलमान बशीर को अमेरिका में पाकिस्तान का राजदूत नियुक्त कराना चाहती है।
 उधर, अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी ने इस्तीफे की पेशकश की है। कुछ खबरों के अनुसार राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सैन्य तख्तापलट के अंदेशे से ओबामा प्रशासन को गुप्त ज्ञापन भेजा था जिसमें हक्कानी की भी कथित भूमिका थी।


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