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पत्रकार अपनी हद में रहे- सुप्रीम कोर्ट
क्लीन मीडिया संवाददाता
क्लीन मीडिया संवाददाता
नई दिल्ली: 27 अप्रैल: (सीएमसी) सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह चाहता है कि पत्रकार न्यायालय की सुनवाई पर रिपोर्टिंग करते समय अपनी सीमाओं को समझें। जबकि सरकार ने मीडिया के लिए दिशानिर्देश बनाए जाने का पक्ष लिया। सरकार ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार का लाभ लोगों के लिए है न कि प्रेस के लिए।
प्रधान न्यायाधीश एस.एच. कपाड़िया ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार से सम्बंधित संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) और जीवन के अधिकार से सम्बंधित अनुच्छेद 21 को संतुलित करते हुए हम दोनों को सीमित कर रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि हम एक सीमा से परे नहीं जा सकते। न्यायालय ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि पत्रकार अपनी सीमाएं समझें। ऐसा सख्त प्रावधानों के लिए नहीं किया जा रहा। हम पत्रकारों को जेल भेजने के लिए नहीं हैं।’
प्रधान न्यायाधीश कपाड़िया, न्यायमूर्ति डी.के. जैन, न्यायमूर्ति एस.एस. निज्जर, न्यायमूर्ति आर.पी. देसाई एवं न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की संविधान पीठ को अतिरिक्त महाधिवक्ता इंदिरा जयसिंग ने बताया, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का लाभ प्रेस के लिए नहीं, बल्कि जनता के लिए है।’ ज्ञात हो कि न्यायालय सहारा इंडिया रियल इस्टेट कॉर्पोरेशन की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है। सहारा ने भारतीय प्रतिभूमि एवं विनिमय बोर्ड को दिए गए अपने प्रस्ताव पर एक समाचार चैनल की रिपोर्टिग पर चिंता जाहिर की है।
journalist worked for nation.....
ReplyDeleteA reporter death no body helped him but he some write every one shouted.....
ReplyDeletewhat.... i dont care,,
ReplyDeleteinf inf than inf.........
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