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माओवादी अपनी शर्तो पर पीछे हटने को तैयार नहीं
क्लीन मीडिया संवाददाता
नई दिल्ली: 25 अप्रैल: (सीएमसी) छत्तीसगढ़ में अगवा सुकमा जिले के जिलाधिकारी एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए नक्सलियों के साथ बातचीत पर जहां अभी अनिश्चितता बनी हुई है, वहीं मंगलवार को जिलाधिकारी तक जरूरी दवाएं पहुंचाई गईं। नक्सलियों द्वारा मध्यस्थों के रूप में सुझाए गए तीन नामों में से दो के पीछे हट जाने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने मंगलवार को नक्सलियों से बातचीत के लिए दो पूर्व मुख्य सचिवों को नामित किया।
मेनन की रिहाई के प्रयासों के बीच माओवादियों ने कलेक्टर के सुरक्षित होने की बात कही है तथा यह भी कहा है कि वे अपने समय सीमा पर कायम हैं लेकिन यदि सरकार पहल करे तब इस पर विचार किया जा सकता है। वहीं, छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने सुकमा जिले के कलेक्टर की रिहाई की मध्यस्थता के लिए पूर्व प्रोफेसर हरगोपाल के नाम का प्रस्ताव दिया है।
कांग्रेस की प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि यदि वह सोचते हैं कि नक्सलियों की मांगें जायज हैं तो उन्हें जाना चाहिए और बातचीत करनी चाहिए। मेनन वर्ष 2006 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। नक्सलियों ने शनिवार को सुकमा जिले के एक जंगली इलाके में बंदूक के बल पर मेनन को अगवा कर लिया। मेनन यहां जनजातीय लोगों से बातचीत करने गए थे। नक्सलियों ने उनके दो अंगरक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने कहा है कि मेनन पूरी तरह सुरक्षित हैं।
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