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Thursday, 26 January 2012

आर्थिक गतिविधियों के केंद्र में रहेगा एशिया

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आर्थिक गतिविधियों के केंद्र में रहेगा एशिया 
क्लीन मीडिया संवाददाता 
दावोस (स्विट्जरलैंड): 26 जनवरी, (सीएमसी)  वैश्विक आर्थिक सुस्ती का विपरीत प्रभाव एशिया पर भी पड़ेगा, फिर भी भारत, चीन और इंडोनेशिया की वजह से वह आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बना रहेगा।
एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष हरुहिको कुरोदा ने कहा कि बैंक को जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को छोड़कर इस साल एशियाई अर्थव्यवस्था के करीब सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि यह 2011 के 7.5 प्रतिशत और 2010 के नौ प्रतिशत के मुकाबले कम है।
कुरोदा की भविष्यवाणी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा विश्व अर्थव्यवस्था के बारे में की गई घोषणा के मुकाबले कुछ हद तक बेहतर है। आईएमएफ ने वैश्विक सुस्ती की वजह से विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के अपने अनुमान को चार प्रतिशत से कम करके 3.3 प्रतिशत कर दिया है।
कुरोदा ने कहा कि एशिया में अब भी क्षेत्रीय और घरेलू मांग ‘काफी हद तक सशक्त’ है। हालांकि बाहरी मांग कम है, ‘इसलिए जीडीपी वृद्धि की दर कुल मिलाकर सुस्त पड़ रही है।’ कुरोदा ने कहा, ‘यदि स्थिति और खराब होती है तो इससे एशिया भी प्रभावित हो सकता है। मुझे उम्मीद है कि यूरोपीय वित्तीय संकट से निपट लिया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि 2012 में चीन की आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत, भारत की सात से आठ प्रतिशत और इंडोनेशिया की 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

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