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Wednesday, 28 December 2011

हम नहीं भूल पाएंगे श्रीधरण की सेवा को

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हम नहीं भूल पाएंगे श्रीधरण की सेवा को 
क्लीन मीडिया संवाददाता 


नई दिल्ली, 28 दिसम्बर (सीएमसी) : दिल्ली में मेट्रो रेल के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाने वाले ई. श्रीधरण शनिवार को दिल्ली मेट्रो रेल निगम के प्रमुख पद से सेवानिवृत्त होंगे। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने उनकी सेवा को याद करते हुए कहा कि यह शहर ‘मेट्रो मैन’ को भूल नहीं पाएगा। दीक्षित ने कहा, उन्हें (श्रीधरण) अपने विलक्षण कार्य के लिए जाना जाता है। उनकी प्रबंधन क्षमता प्रशंसनीय है। हम उनकी सेवा को भुला नहीं पाएंगे। दीक्षित ने कहा कि मेट्रो परियोजना की योजना बनाने और उसे समय पर पूरा करने की 79 वर्षीय श्रीधरण की क्षमता प्रशंसा के काबिल है।
 श्रीधरण को उनके कार्यो की वजह से ‘मेट्रो मैन’ के नाम से भी जाना जाता है। वह 15 वर्ष तक दिल्ली मेट्रो के प्रमुख के रूप में कार्य करने के बाद 31 दिसम्बर 2011 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। मेट्रो ने दिल्ली और इसके आस-पास हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों की परिवहन प्रणाली को सुविधाजनक, भरोसेमंद, किफायती और सुरक्षित बनाया है।
 श्रीधरण 2000 में सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन दिल्ली सरकार बार-बार अनुरोध कर उनके कार्यकाल का विस्तार करती रही। उनका कार्यकाल पांच बार बढ़ाया गया, ताकि मेट्रो के पहले और दूसरे चरण का काम बाधित न हो।
 श्रीधरण के बाद उनका पद 56 वर्षीय मंगू सिंह सम्भालेंगे, जो अभी मेट्रो निदेशक (निर्माण) हैं और जिनकी निगरानी में एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो लाइन का निर्माण पूरा हुआ।
 मंगू सिंह की देखरेख में मेट्रो के तीसरे चरण का काम होगा। वह दिल्ली मेट्रो द्वारा मुम्बई, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद और कोच्चि में मेट्रो प्रणाली के योजना निर्माण का कार्य भी सम्भाल रहे हैं।
 दीक्षित ने कहा कि श्रीधरण के साथ मंगू सिंह की तुलना करना या उनपर टिप्पणी करना ठीक नहीं है।
 दिल्ली मेट्रो की 160 रेलगाड़ियां रोज 2,400 फेरियां लगाती हैं। किसी भी एक कार्यदिवस को इस पर लगभग 18 लाख यात्री सफर करते हैं।

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