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Friday, 30 December 2011

महिलाओं के पहनावे से बलात्कार नहीं - चिदंबरम

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महिलाओं के पहनावे से बलात्कार नहीं - चिदंबरम 
क्लीन मीडिया संवाददाता 


नई दिल्ली, 30 दिसम्बर (सीएमसी) : केन्द्रीय गृह मंत्री ने आंध्र प्रदेश के पुलिस मुखिया के इस बयान को आज खारिज कर दिया कि महिलाओं के पारदर्शी कपडे़ पहनने से उनका बलात्कार करने के लिए उकसावा मिलता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं कैसी पोशाक पहने, इसकी पुलिस निगरानी नहीं हो सकती है।
 चिदंबरम ने कहा, ‘मैं इस बात से पूरी तरह असहमत हूं। हर किसी को अपनी पसंद के कपडे़ पहनने का अधिकार है। कपडे़ मौके के हिसाब से पहने जाते हैं। जाहिर है कि आप जब फुटबॉल या टेनिस खेलने जाते हैं तो ऊपर से नीचे तक कपड़ों में लिपटकर नहीं जाते और किसी कॉकटेल पार्टी में जाते हैं तो तैराकी के कपडे (स्विमसूट) नहीं पहनकर जाते।’ आम तौर पर गंभीर रहने वाली चिदंबरम की प्रेस कांफ्रेंस में उनके इतना बोलते ही जोर के ठहाके लगे।
 सवाल करने वाले पत्रकार ने जब आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को ‘एपीडीजी’ कहा तो चिदंबरम ने चिर परिचित अंदाज में मुस्कुराते हुए कहा कि वह समझ ही नहीं पाये थे। उन्हें लगा कि यह कोई नया आतंकवादी संगठन है, जिसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। चिदंबरम ने कहा, ‘ओह! आंध्र प्रदेश के डीजी। मैंने सोचा कि एपीडीजी कोई नया उग्रवादी संगठन है, जिसकी आप बात कर रहे हैं। ऐसा लगा कि मुझे अपनी सूची में एक और समूह का नाम शामिल करना पडे़गा।’ उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इस तरह की चीजों की पुलिस निगरानी नहीं हो सकती और न ही पुलिस महानिदेशक ऐसा कर सकते हैं।

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