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सरकार और नक्सलियों के संघर्ष के शिकार हुए हम
क्लीन मीडिया संवाददाता
सरकार और नक्सलियों के संघर्ष के शिकार हुए हम
क्लीन मीडिया संवाददाता
भुवनेश्वर: 26 मार्च: (सीएमसी) माओवादियों के चंगुल में 11 दिन रहने के बाद रिहा हुए इतालवी पर्यटक क्लाउडियो कोलांगेलो ने कहा कि वह नक्सलियों और सरकार के बीच चल रहे संघर्ष का शिकार हुए।
कोलांगेलो का साथी 54 वर्षीय पाउलो बोसुस्को अभी भी नक्सलियों के कब्जे में है। कोलांगेलो ने अपनी रिहायी के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम सरकार और माओवादियों के बीच चल रहे संघर्ष में फंस गए। हमें क्षेत्र में माओवादी समस्या के बारे में बहुत थोड़ी जानकारी थी।’
कोलांगेलो को माओवादियों की ओर से कंधमाल जिले में मीडियाकर्मियों के एक समूह को सौंपा गया। उन्हें बाद में गंजम जिले के सोरादा और उसके बाद भुवनेश्वर ले जाया गया। उन्होंने कहा, ‘वह भयावह और दर्दनाक अनुभव था।’ उन्होंने कहा कि वह ओड़िशा के वनों की फिर से यात्रा करना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘लेकिन मुझे इस वन कंधमाल में फिर से प्रवेश करने में डर लगेगा।’
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पत्नी और पूरे परिवार से बात की है और परिवार के सदस्यों ने रिहायी पर राहत की सांस ली है। उन्होंने उन खबरों को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि माओविदयों की ओर से उनका अपहरण उस समय किया गया जब वे आदिवासी लोगों की तस्वीरें ले रहे थे।
कोलांगेलो ने कहा, ‘कोई फोटो नहीं ली गई थी।’उन खबरों के बारे में कि उन्हें पुलिस की ओर से वनों में प्रवेश करने को लेकर चेतावनी दी गई थी उन्होंने कहा, ‘इसके विपरीत हम तभी भीतर गए जब पुलिस ने इसकी इजाजत दी। उन्होंने बताया कि 54 वर्षीय पुरी का टूर आपरेटर पाउलो बोसुस्को आज सुबह माओवादी शिविर में उनके साथ ही था।
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