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टूट सकता है हिंदुओं का सबसे बड़ा मंदिर
क्लीन मीडिया संवाददाता
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मास्को: 30 मार्च (सीएमसी) सेंट पीटर्सबर्ग स्थित रूस के सबसे बड़े वैदिक कल्चरल सेंटर को तोड़े जाने का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि एक अदालत ने किराए पर दिए गए परिसर से उसे हटाने का आदेश दिया है। यह कल्चरल सेंटर देश में हिंदुओं का सबसे बड़ा मंदिर है। सेंट पीटर्सबर्ग नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन का गृह नगर है।
सेंटर के अध्यक्ष सुरेन कारापेटियन ने कहा, ‘मध्यस्थ अदालत के फैसले के बाद रूस के सबसे बड़े हिंदू मंदिर को तोड़ा जाएगा।’ उन्होंने भारत और रूस के राष्ट्रपति से तत्काल मदद प्रदान करने की मांग की है। कारापेटियन ने कहा, ‘हम भारत सरकार से किसी तरह के हस्तक्षेप की अपेक्षा कर रहे हैं क्योंकि हम रूस में भारतीय संस्कृति और परंपराओं की रक्षा कर रहे हैं। हम रूस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव से अपील करते हैं कि वह हमारे उद्देश्य में मदद करें और सांस्कृतिक केंद्र और मंदिर को तोड़े जाने से बचाएं।’
उन्होंने कहा, ‘हमें न्याय नहीं मिल रहा है और हमें अवैध तरीके से हटाया जा रहा है। हमारा 49 साल के लिए पट्टा समझौता है।’ पट्टा समझौते पर सरकारी संघीय शोध संस्थान के साथ 1992 में हस्ताक्षर किया गया था। अब उसे ज्वाइंट स्टॉक कंपनी जेएससी ‘गॉसनिखिमनालित’ में परिवर्तित कर दिया गया है।
सेंट पीटर्सबर्ग में पश्चिमोत्तर जिले की संघीय मध्यस्थता अदालत ने 13वीं मध्यस्थता अपील अदालत के फैसले को बरकरार रखा। 13 वीं मध्यस्थता अपील अदालत ने स्थानीय हिंदू संगठन ‘वेदिक सोसाइटी ऑफ स्पिरिचुअल डेवलपमेंट’ और जेएससी ‘गोसनिखिमनालित’ के बीच हुए पट्टा समझौते को रद्द कर दिया था। अदालत ने मंदिर को बचाने से इंकार कर दिया और किराए पर दिए गए परिसर से हिंदू मंदिर को हटाने का आदेश दिया है।
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