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मीडियाकर्मियों पर हमले में चार वकील गिरफ्तार
क्लीन मीडिया संवाददाता
क्लीन मीडिया संवाददाता
बेंगलुरू: 4 मार्च: (सीएमसी) मीडियाकर्मियों पर हमले को रोकने में नाकाम रहने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रही पुलिस ने इस मामले में चार वकीलों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरफ्तारी तब की गई जब इस मामले में पत्रकारों ने न्यायिक जांच को खारिज कर दिया। निजी न्यूज चैनलों ने अदालत परिसर में मीडियाकर्मियों और पुलिसकर्मियों पर हुए हमले में शामिल वकीलों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस आयुक्त बी जी ज्योति प्रकाश मिरर्जी ने संवाददाताओं को बताया कि गिरफ्तार किये गए वकीलों में बेंगलूर बार एसोसिएशन के महासचिव ए प रंगनाथ शामिल है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में पत्रकारों पर बिना उकसावे के हमला करने के मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 31 मामले दर्ज किये गए हैं जिनमें से अधिकांश गैर जमानती है। इस घटना में 52 पुलिसकर्मियों समेत 65 लोग घायल हो गए थे। इसमें 10 वकील और तीन मीडियाकर्मी भी घायल हुए थे।
पुलिस ने कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायाधीश के एल मंजुनाथ के चालक के साथ मारपीट और लूटपाट की शिकायत भी दर्ज की है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री डी.वी सदानंद गौड़ा से उनके आवास पर मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सुवर्णा न्यूज के प्रमुख विश्वेश्वर भट्ट ने कहा ‘हम मामले की न्यायिक जांच स्वीकार नहीं करेंगे । यह रस्म अदायगी के अलावा और कुछ नहीं है । सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भागने की कोशिश कर रही है ।’
भट्ट ने शिकायत की कि सार्वजनिक तौर पर वीडियो फुटेज उपलब्ध होने के बावजूद पुलिस और सरकार दोनों कार्रवाई करने और उन वकीलों को गिरफ्तार करने में नाकाम रहे हैं जिन्होंने पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों पर हमला किया । वहीं, कंपनी मामलों के मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने यह कहते हुए कर्नाटक की भाजपा सरकार को पत्रकारों पर हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया कि वह समय रहते कार्रवाई करने में असफल रही क्योंकि गड़बड़ी कुछ समय से थी।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री मोइली ने दीवानी अदालत परिसर में हुई घटना को बेहद चौंकाने वाली करार दिया। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘ऐसा नहीं हो सकता। कर्नाटक में ऐसी चीजें क्यों होनी चाहिए, विशेष रूप से बेंगलूर में ?’ उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि यह घटना अचानक हुई होगी।’ उन्होंने कहा कि सरकार को जो जानकारी थी उस पर कार्रवाई करनी चाहिए थी।’
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