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जाट प्रदर्शनकारी रिहा, आंदोलन धीमा
क्लीन मीडिया संवाददाता
क्लीन मीडिया संवाददाता
हिसार: 12 मार्च: (सीएमसी) ओबीसी कोटा के तहत नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा के हिसार चल रहे आंदोलन के दौरान गिरफ्तार 100 से अधिक लोगों को रविवार को रिहा कर दिया जिसके बाद आंदोलन की गति कमजोर पड़ने के संकेत मिलने लगे। बहरहाल समुदाय के नेताओं ने कहा कि अभी तक उन्होंने आंदोलन वापस नहीं लिया है और जल्द ही अंतिम निर्णय किया जाएगा।
हिसार और टोहाना में अदालत ने क्रमश: 74 और 29 जाट प्रदर्शनकारियों को रिहा करने का आदेश दिया। करीब तीन हफ्ते से ज्यादा चले आंदोलन के दौरान उन पर हिंसा और आगजनी में शामिल होने के आरोप थे।
अदालत ने पुलिस की याचिका को स्वीकार कर लिया कि उनके खिलाफ उसके पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं और इसके बाद रविवार शाम को जाट आरक्षण समिति के नेता धर्मपाल छोट (राज्य इकाई के अध्यक्ष) सहित 103 लोगों को केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बहरहाल आरोपियों के खिलाफ पुलिस जांच और साक्ष्य जुटाने का काम जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि मामले वापस नहीं लिए गए हैं। कई इलाकों से आज सड़क जाम हटा लिया गया लेकिन दोपहर में फिर से सड़क जाम शुरू हो गया। जेल के बाहर धर्मपाल छोट ने कहा कि आरक्षण समिति ने आंदोलन वापस नहीं लिया है और संदीप के अंतिम संस्कार के बाद मायर पंचायत में अंतिम फैसला किया जाएगा। छह मार्च को प्रदर्शनकारियों को त्वरित कार्य बल के जवानों के बीच संघर्ष में उसकी मौत हो गई थी। इस बीच मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने चंडीगढ़ में व्यस्तता के कारण प्रदर्शनकारियों से मुलाकात नहीं की।
जाटों, खाप सदस्यों और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के बीच तीन घंटे चली मैराथन बैठक के बाद हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिव धर्मवीर सिंह ने कहा था कि जाटों को आश्वस्त किया गया था कि आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए समुदाय के सभी सदस्यों को कानून के प्रावधानों के मुताबिक रिहा कर दिया जाएगा। जाटों ने राष्ट्रीय राजधानी से करीब 155 किलोमीटर दूर वस्तुत: जिले का घेराव कर दिया था जिससे सड़क एवं रेल मार्ग बाधित थे।
बहरहाल जाट आंदोलन की धमक उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों में भी दिखने लगी थी। पुलिस ने कहा कि जाट आरक्षण कार्य समिति के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग को मुजफ्फरनगर के नजदीक बेंसी गांव के पास शनिवार को जाम कर दिया था। उन्होंने कहा कि हरियाणा की सीमा से लगते प्रबुद्धनगर जिले में भी प्रदर्शनकारियों ने करनाल-मेरठ राजमार्ग को झिंझाना कस्बे के नजदीक जाम कर दिया था।
खाप और जाट आरक्षण समिति से संबंधित जाट नेताओं ने सरकार के साथ वार्ता के बारे में रामायण गांव के नजदीक प्रदर्शनकारियों को जानकारी दी थी और रेल एवं सड़क जाम को खत्म करने और मायर गांव के नजदीक शांतिपूर्ण धरना जारी रखने के बारे में कहा। अधिकतर जाटों ने इसका विरोध किया और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की अपनी मुख्य मांग माने जाने तक आंदोलन जारी रखने का दबाव बनाया।
प्रदर्शनकारी काफी तनाव में थे और उनका कहना था कि इस वक्त आंदोलन को कमजोर करने के किसी भी सुझाव को वे सुनने को तैयार नहीं हैं।
मृतक संदीप के पिता जोगीराम ने कहा, मेरे बेटे के अंतिम संस्कार के बारे में चिंता मत करो। सरकारी नौकरियों में जाटों को आरक्षण की मांग जब तक नहीं मान ली जाती तब तक सड़कों एवं रेल मार्गों को जाम रखो। संदीप का अंतिम संस्कार करने के लिए प्रदर्शनकारियों को मना रहे नेताओं को आंदोलनकारियों के उग्र रुख के कारण वहां से हटना पड़ा। बहरहाल जाट आरक्षण समिति ने रामायण रेलवे ट्रैक सोमवार सुबह दस बजे एक बैठक बुलाई है जिसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी।
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