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Thursday, 1 March 2012

ओलंपिक का आंशिक बहिष्‍कार कर सकता भारत

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ओलंपिक का आंशिक बहिष्‍कार कर सकता भारत
क्लीन मीडिया संवाददाता 

नई दिल्‍ली: 1 मार्च: (सीएमसी)  लंदन ओलंपिक आयोजक समिति की ओर से डाउ केमिकल को प्रयोजक से हटाने से इनकार के बाद भारत अब ओलंपिक गेम्‍स 2012 की ओपनिंग और क्‍लोजिंग सेरोमनी के बहिष्‍कार करने पर विचार कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लंदन ओलंपिक में भारतीय सरकारी प्रतिनिधिमंडल शामिल नहीं होगा। डाउ केमिकल के प्रयोजक रहने के विरोध में यह फैसला लिया गया है। गेम्‍स के ओपनिंग और क्‍लोजिंग सेरोमनी में सरकारी प्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे।
वहीं, एक अन्‍य रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने डाउ केमिकल के मामले में अभी तक लंदन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का फैसला नहीं किया है। डाउ केमिकल इस खेल महाकुंभ का प्रायोजक है। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) को 24 फरवरी को पत्र लिखा है और भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करने से पहले वह जवाब का इंतजार करेगी। उन्होंने कहा कि अभी उद्घाटन और समापन समारोह के बहिष्कार पर कुछ भी बात करना जल्दबाजी होगी। हम पहले आईओसी के जवाब का इंतजार करेंगे।
भारतीय ओलंपिक संघ के डाउ केमिकल को लंदन ओलंपिक खेलों के प्रायोजक से हटाने के लिए आईओसी को मनाने में असफल रहने के बाद सरकार ने तुरंत यह करार रद्द करने की मांग की थी। खेल मंत्रालय ने आईओसी अध्यक्ष जाक रोगे को भेजे गए पत्र में डाउ केमिकल को प्रायोजन से हटाने के लिए कहा है। डाउ के पास अभी यूनियन कार्बाइड का स्वामित्व है जो 1984 के भोपाल गैस कांड के लिए जिम्मेदार रहा है। मंत्रालय ने अपने पत्र में लिखा है कि हम ओलंपिक अभियान के आदर्श विचारों का पूरा सम्मान करते हैं। भारत इन विचारों तथा मूल्यों का के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जिनसे मित्रता, एकता, भाईचारा और सहिष्णुता बढ़ती है।
मंत्रालय ने कहा कि आईओसी को मानवाधिकार के आदर्शों को ध्यान में रखकर प्रायोजन करार रद्द कर देना चाहिए क्योंकि इस भोपाल गैस कांड में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी और कई अब भी उसके बाद के प्रभावों से पीड़ित हैं। मंत्रालय के इस पत्र पर संयुक्त सचिव राहुल भटनागर के हस्ताक्षर हैं। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार इसलिए आईओसी से आग्रह करती है कि वह मानवधिकारों के आदर्शों और एकजुटता के हित में डाउ केमिकल के प्रायोजन को रद्द करे। इससे पहले आईओसी ने आईओए के पत्रों के जवाब में कहा कि वह 1984 में भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के लिए आईओए की चिंता को समझती है लेकिन डाउ केमिकल का 2000 तक यूनियन कार्बाइड में कोई हिस्सा नहीं था।
उधर, भारतीय परालम्पिक समिति ने आईओए और भारत सरकार के सुर में सुर मिलाते हुए डाउ केमिकल को लंदन ओलंपिक के प्रायोजन से हटाने की मांग की है। समिति ने कहा है कि डाउ केमिकल्स का जुड़ना ओलंपिक आंदोलन की भावना के खिलाफ है। पीसीआई ने अंतरराष्ट्रीय परालंपिक समिति के अध्यक्ष सर फिल क्रावेन को पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया है।

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