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Saturday 24 March 2012

चीन, अमेरिका का मित्र रहेगा भारत : मनमोहन

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चीन, अमेरिका का मित्र रहेगा भारत : मनमोहन
क्लीन मीडिया संवाददाता 

नई दिल्ली: 24 मार्च: (सीएमसी)  प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि चीन जैसे बड़े और गतिशील देश के प्रभाव को रोका नहीं जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत, चीन और अमेरिका दोनों के साथ सहयोग पूर्ण सम्बंध बनाए रखेगा। सिंह ने सियोल यात्रा से पहले दक्षिण कोरिया के एक दैनिक जूंगआंग इल्बो को दिए एक साक्षात्कार में कहा, मैं नहीं सोचता कि चीन जैसे बड़े और गतिशील देश के असर को रोका जा सकता है। प्रधानमंत्री की दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली म्यूंग-बाक से रविवार को द्विपक्षीय वार्ता होगी।
सिंह वहां परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ सहित 58 नेता हिस्सा लेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारा उद्देश्य चीन और अमेरिका दोनों के साथ सहयोगपूर्ण सम्बंध रखना है। सिंह से पूछा गया था कि क्या वह सोचते हैं कि अमेरिका चीन पर लगाम लगाना चाहता है या क्या कभी अमेरिका ने भारत को चीन और उसमें से किसी एक को चुनने के लिए बाध्य किया है।
सिंह ने कहा कि चीन भारत का सबसे बड़ा पड़ोसी है और उसके साथ भारत की लम्बी सीमा जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा, चीन वस्तु व्यापार में हमारा सबसे बड़ा साझेदार है।
उधर अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते में 2005 में बदलाव आया है। उस साल जुलाई में सिंह और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने भारत-अमेरिका नागरिक परमाणु सहयोग का प्रारूप तैयार किया था।
सिंह ने कहा, 30 लाख भारतीय अमेरिका में काम करते हैं। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यावसायिक साझेदार भी है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के साथ वार्ता के विषय के बारे में उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष व्यापाक आर्थिक साझेदारी समझौते, लोगों के आपसी सम्पर्क, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग, सुरक्षा और वैश्विक घटनाओं में सामंजस्य जैसे मामलों में आपसी सम्बंध में गहराई लाने के लिए बात करेंगे। उन्होंने कहा, चूंकि इसी वक्त परमाणु सुरक्षा सम्मेलन भी होगा, हम परमाणु सुरक्षा पर भी बात कर सकते हैं।

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