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Tuesday, 22 May 2012

The charges on 17 Karmapa returned on Currency seizure case

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मुद्रा जब्ती मामले में 17वें करमापा का नाम वापस 
क्लीन मीडिया संवाददाता 

शिमला: 22 मई: (सीएमसी)  हिमाचल प्रदेश की एक अदालत ने मुद्रा जब्ती मामले में तिब्बती धार्मिक गुरु और 17वें करमापा ओग्येन त्रिनले दोरजी का नाम हटाने का फैसला किया। हिमाचल प्रदेश सरकार ने उनका नाम इस मामले से हटाने की सिफारिश की थी। जिला एटॉर्नी राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि आरोप पत्र से नाम हटाने के अभियोजन पक्ष की याचिका पर विचार करने के बाद उना शहर में न्यायिक मजिस्ट्रेट कनिका चावला ने उनका नाम हटाने का फैसला किया।
करमापा को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षडयंत्र) के तहत आरोपी बनाया गया था। 26 देशों की मुद्रा की जब्ती के मामले में करमापा 10वें आरोपी थे। इस मामले में पिछले साल 28 जनवरी को धर्मशाला के बाहरी इलाके में ग्यूटो तांत्रिक विश्वविद्यालय और मोनास्ट्री से 1,20,197 चीनी युआन और 53 लाख रुपये भी जब्त किए गए थे। राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि शेष नौ आरोपियों के खिलाफ मामला चलता रहेगा। अगली सुनवाई चार अगस्त को है।
छब्बीस वर्षीय करमापा तिब्बती बौद्ध धर्म के चार सम्प्रदायों में से एक करमा काग्यू संप्रदाय से संबंधित हैं। आरोपियों की सूची से उनका नाम हटाए जाने की खबर फैलते ही उनके सिधबरी मठ में अनुयायियों और निर्वासितों की भीड़ जमा होने लगी।
करमापा की प्रशासनिक सचिव गोंपो सेरिंग ने कहा कि आखिर सच्चाई की जीत हुई। हमने देश के कानून के राज में हमेशा भरोसा जताया है। हम सभी को काफी राहत मिली है। पुलिस द्वारा सात दिसम्बर 2011 को दाखिल आरोप पत्र में करमापा का नाम शामिल किया गया था। करमापा के कार्यालय ने जांच एजेंसी से कहा था कि दुनिया भर के उनके अनुयायियों ने उन्हें यह राशि भेजी है। इनमें अधितर तिब्बती है, जो चीनी मुद्रा के साथ आते हैं।

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