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एक ही नौकरी पर टिके रहना सही नहीं
क्लीन मीडिया संवाददाता
क्लीन मीडिया संवाददाता
लंदन: 4 मई: (सीएमसी) एक ही नौकरी पर टिका रहना जिसे आप पसंद नहीं करते हैं लेकिन केवल वफादारी के लिये अथवा विकल्प की कमी के कारण निभाते रहते हैं आपके और आपके नियोक्ता दोनों के लिये ठीक नहीं है।
कनाडा में कोनकोर्डिया विश्वविद्यालय के जान मोलसन स्कूल आफ बिजनैस के अनुसंधानकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया कि जो लोग महज वफादारी के लिये नौकरी पर टिके रहते हैं वे थक जाते हैं फिर टूट जाते हैं और उसके बाद बिना चेताये नौकरी छोड़ देते हैं। अध्ययन के सह लेखक अलेक्जैन्डर पानासिओ ने कहा ‘ कर्मचारी अक्सर अपने संगठन में इसलिये बने रहते हैं कि उन्हें महसूस होता है कि उनके पास कोई और विकल्प नहीं है। ’
डेली मेल ने उनके हवाले से कहा कि इसके बाद वे भावनात्मक तौर पर थकान महसूस करते हैं । यह भावना अंतत: उन्हें संगठन छोड़ देने को विवश करती है। अनुसंधानकर्ताओं ने कम्पनियों को सुझाव दिया है कि वे कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर और संगठन के भीतर उनके बदलाव पर ध्यान केन्द्रित करें ताकि वे महसूस करें कि उन्हें उस संगठन में ही रहना चाहिये।
उन्होंने कहा कि हमारे अध्ययन ने पता लगाया कि क्या किसी कम्पनी के प्रति किसी तरह की प्रतिबद्धता का भावात्मक थकान जैसे प्रभाव हो सकते हैं। आशय यह है कि नियोक्ताओं को कर्मचारियों की क्षमता बढाकर उनमें ‘विकल्प की कमी ’ की तरह की प्रतिबद्धता को कम करने की कोशिश करनी चाहिये। ’पेनासिओ और उनके सहयोगियों ने विभिन्न संस्थानों के 260 कर्मचारियों पर अध्ययन किया।
kaise ho sakta h jindgi bewajah.............jiya jaye.
ReplyDeleteHaa haa sodh karne wale ko kya pata tha ki aise hota h to unko sodh bhi chhod dena chahiye.......
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